लत क्या है और इसकी पहचान क्या है? सामाजिक नशाखोरी के अध्याय एक में हमने नशाखोरी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करी और साथ ये भी जाना कि नशाखोरी की शुरुवात कैसे होती है। दूसरे अध्याय में लत क्या होती है और लत की पहचान कैसे करें इसके बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। लत के तो अनेकों रूप है । लेकिन यहां नशा के कारण उत्पन्न लत की बातें करेंगे। नशीली पदार्थों के लगातार उपयोग के कारण हमारे मस्तिष्क के न्यूरोलॉजिकल पैटर्न में ऐसे बदलाव , जो नशीली पदार्थों के उपयोग पर हमारा नियंत्रण समाप्त कर देता है। ऐसी बात भी नहीं, कि नशा, बहुआयामी बर्बादी का कारण बनता है उसकी जानकारी हमें नहीं है। इसका दुष्परिणाम हमारे शरीर में दिखने भी लगता। इसके अलावा हमारे पारिवारिक रिश्ते, आर्थिक स्थिति और कामकाज में भी असर पड़ने लगता है। साफ शब्दों में कहें तो नशा पर अपना सेल्फ कंट्रोल खत्म हो जाता हैं। नशाखोरी के दलदल में दिन-प्रतिदिन हमारा पैर धसते चला जाता हैं। सब कुछ पता होने के बावजूद हम असहाय और लाचार महसूस करते हैं। ऐसी अवस्था को ही लत/व्यसन कहा जाता है। लत एक्चुअली और कुछ नहीं, हमारे द्वारा नशाखोरी
सरना बिल्ली का मतलब ज्ञान के उस दीपक से है जो समाज में फैले अज्ञानता के अँधेरे को ज्योतिर्मय करता है और ज्ञान के प्रकाश को फैलता है I