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SOCIAL MEDIA ETHICS

सोशल मीडिया नैतिकता(Social Media Ethics) उन मानकों और  नैतिक मूल्यों का समुच्चय होता है जो हमें सोशल मीडिया पर हमारे ऑनलाइन आचरण और व्यवहार को  मार्गदर्शन करने का काम करता हैं। यह गोपनीयता की रक्षा करने, प्रमाणिकता की पहचान करने और जिम्मेदार आचरण का पालन करने के लिए निर्देशित करता है। यह हमें यह भी बताता है कि हमारे द्वारा साझा की गई जानकारी की सत्यता की प्रमाणिकता होनी चाहिए । इसका समाज में क्या प्रभाव प्रभाव पड़ेगा की समझ होनी चाहिए। अफवाहों को फैले से रोकना चाहिए और नकली समाचार की परख होनी चाहिए। 


सोशल मीडिया एथिक्स उस आचरण की विधि और नीतियों को संदर्भित करती है जो लोग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर अपना व्यवहार करते हैं। किस तरह की जानकारी हमे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मे साझा करनी चाहिए। किस प्रकार के संवाद और व्यवहार को स्वीकार्य माना जायेगा। सोशल मीडिया एथिक्स में शामिल किए जाने वाले मुद्दे शामिल हो सकते हैं बायोमेट्रिक डेटा की गोपनीयता, धार्मिक और सामाजिक अपमान, और झूठी खबरों या जानकारी का प्रसार। इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर समाज में उचित और नैतिक व्यवहार को प्रोत्साहित करना होता है।

गोपनीयता

गोपनीयता का महत्व तब और भी बढ़ जाता है जब हम  सोशल मीडिया पर सक्रीय होते  हैं  यहां कुछ विस्तृत पॉइंट्स हैं :

  •  व्यक्तिगत जानकारी का सुरक्षा:

सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें। इसमें अपने पते, निजी फ़ोटो,फोन नंबर, बैंक खाता की जानकारी, आधार कार्ड नंबर, पासवार्ड या कोई अन्य निजी जानकारी शामिल होती है। इन जानकारियों को केवल अति आवश्यक स्थितियों में ही साझा करें वो भी trusted app या विश्वसनीय लोगों को ।अपनी गोपनीयता को संरक्षित रखना हमारी प्रथम प्राथमिकता है। हमारे व्यक्तिगत जानकारी का कोई गलत उपयोग कर सकते हैं और हम मुश्किल में पढ़ सकते हैं। 

  • निजता सेटिंग्स का उपयोग: 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हमें ऐसे सेटिंग का उपयोग करना चाहिए जो हमें यह सुविधा देती है कि कौन कौन हमारी पोस्ट, जानकारी और अन्य सामग्री को देख सकता है और कौन नहीं।
 कूकीज और ट्रैकिंग:
 जब आप सोशल मीडिया पर साइन इन करते हैं, तो कूकीज और अन्य ट्रैकिंग तकनीकें आपकी गतिविधियों को ट्रैक कर सकती हैं। इसलिए, अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स में कूकीज और ट्रैकिंग को नियंत्रित करें या ऑफ़ करें।

  •  स्वीकृति की परीक्षा करें:

 सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स और ऐप्स अक्सर हमारी सहमति के बिना हमारे डेटा का उपयोग कर सकते हैं। इसलिए, सेवाओं की शर्तों और गोपनीयता नीतियों को ध्यान से पढ़ें और समझें, और केवल जब आप सहमत हों, तो ही उन्हें स्वीकार करें।

फेक न्यूज़ या अपवाह से बचें:

बिना सत्यापित किए हुए सूचना को फैलाना या अफ़वाहों और असत्य खबरों को सोशल मीडिया पर प्रसारित करना, आपसे संबंधित लोगों में ग़लत धारणाओं का उत्पन्न होने का कारण बन सकता है। यह असत्य खबरें अक्सर भ्रांतियों और घातक नफ़रत को बढ़ाती हैं। लंगर न्यूज़ की सत्यता की अवश्य ही जांच कर ले। उसे कड़ी का हिस्सा कभी ना बने जो गलत खबरों को फैलाने में मदद करता है। खबरें हमेशा विश्वसनीय स्रोत से ही प्राप्त करने का कोशिश करें। खबरों को देखते या सुनते समय अपने विवेक बुद्धि का इस्तेमाल जरूर करें।किसी भी न्यूज की श्रोत  को जानने की कोशिश करें। गलत खबरों को फैलाने वाला पहला आदमी तो कतई ना बने। गलत चीज वायरल बहुत जल्दी होती हैं। 

भ्रामक विज्ञापन से बचें।


भ्रामक विज्ञापन वे विज्ञापन होते हैं जो देखने वालों को झूठी और ग़लत जानकारी देकर गुमराह करने की कोशिश करते हैं।  इन विज्ञापनों का मुख्य उद्देश्य उत्पाद या सेवा की बिक्री बढ़ाना होता है। इसमें कम गुणवत्ता वाले वस्तुओं या सेवाओं को बढ़ा चढ़ा कर उत्कृष्ट दिखाने की कोशिश की जाती है। लोग झांसे में आ जाते हैं। 
कुछ भ्रामक विज्ञापन के उदाहरण हैं:

  • एक विज्ञापन जो कहता है कि एक विशेष व्यायाम मशीन का उपयोग करने से आप एक हफ्ते में 10 किलो वजन कम कर सकते हैं, जो बिना किसी आहार बदलाव के संभव नहीं है।

  • एक शैम्पू का विज्ञापन जो कहता है कि इसका उपयोग करने से बालों में झूलने की समस्या पूरी तरह से समाप्त हो जाती है, जबकि वास्तव में ऐसा होना संभव नहीं है।

  • एक आर्थिक निवेश संयोजन कंपनी का विज्ञापन जो दावा करता है कि उसके निवेश की गारंटी है कि आपका पूरा पैसा दोगुना हो जाएगा, जबकि ऐसा होना आमतौर पर असंभव है।

  • किसी स्वास्थ्य उत्पाद का विज्ञापन जो दावा करता है कि उसका उपयोग रोग को ठीक कर सकता है, लेकिन यह दवा वास्तव में असरकारी नहीं होती।

  • कोई सौंदर्य उत्पाद का विज्ञापन जो दावा करता है कि इसका उपयोग करने से त्वचा का रंग तुरंत गोरा हो जाएगा, लेकिन यह दावा वास्तविकता में सच नहीं होता।

  • किसी आउटोमोबाइल कंपनी का विज्ञापन जो अपने वाहन को बेहतर बताता है लेकिन वास्तव में वह उपयोगकर्ता के अपेक्षाओं के मुताबिक नहीं होता।
अपने विवेक बुद्धि का इस्तेमाल करें नहीं तो आप झांसे में आकर के आप ठगी का शिकार हो जाएंगे। 
जो सही विज्ञापन होगा वह आपको सब कुछ  सही जानकारी देगा। आपको धोखे में कभी नहीं रखेगा। 

सोशल मीडिया ट्रोलिंग


सोशल मीडिया ट्रोलिंग एक ऑनलाइन गतिविधि है जिसमें लोग इंटरनेट पर दूसरे को निशाना बनाकर  उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए गलत संवाद का इस्तेमाल करते हैं और विवाद पैदा करते हैं, या उन्हें अपमानित करते हैं। यह आमतौर पर आपत्तिजनक या निंदनीय टिप्पणियों, मेमों, या अन्य कंटेंट के माध्यम से होता है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में ट्रोलिंग को बढ़ावा देने का हिस्सा बिल्कुल ना बने। 

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