AI की रौशनी में आदिवासी समाज का नवजागरण संभव
AI की रोशनी में आदिवासी समाज का नवजागरण भारत का आदिवासी समाज देश की विविध सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा है। यह समाज अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों, परंपराओं, भाषा, लोककला और विशिष्ठ जीवनशैली के कारण अद्वितीय है। देश में संथाल, भील, गोंड, उरांव, मुण्डा, कोल और अन्य कई प्रमुख आदिवासी समुदाय रहते हैं, जो देश के विभिन्न राज्यों में फैले हुए हैं। आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान उनके पारंपरिक नृत्य, संगीत, लोककथाओं और चित्रकलाओं में स्पष्ट रूप से झलकती है। इनके पर्व-त्योहार, जैसे सरहुल और कर्मा से उनके प्रकृति प्रेम को दर्शाती हैं I इनके जीवन का हर पहलू प्रकृति से गहराई से जुड़ा हुआ है I लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, और तकनीकी विकास की कमी के कारण वे अक्सर मुख्यधारा से कटे हुए महसूस करते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक ऐसी तकनीक है, जो इन समुदायों को डिजिटल युग से जोड़कर उनके विकास की नई संभावनाएँ खोल सकती है। AI न केवल आदिवासी समाज को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच प्रदान कर सकता है, बल्कि उनकी भाषा, संस्कृति, और पारंपरिक ज्ञान को भी संरक्षित करने मे...