ऑफिस पॉलिटिक्स: कारण, प्रभाव और समाधान
भूमिका
हर दफ्तर में लोग मिलकर काम करते हैं, लेकिन मतभेद और मनमुटाव होना स्वाभाविक है। जब ये मतभेद व्यक्तिगत स्वार्थ, चुगली, पक्षपात या दूसरों को नीचा दिखाने की सोच में बदल जाते हैं, तो इसे "ऑफिस पॉलिटिक्स" कहते हैं। ऑफिस पॉलिटिक्स से काम का माहौल खराब होता है, कर्मचारियों का मनोबल टूटता है, आपसी विश्वास कम होता है और काम की गुणवत्ता प्रभावित होती है।आज ऑफिस पॉलिटिक्स एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। इसे समझना और सही तरीके से संभालना जरूरी है ताकि दफ्तर का माहौल सकारात्मक और सहयोगी रहे।
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ऑफिस पॉलिटिक्स का कारण
क्या है पहचान ऑफिस पॉलिटिक्स की
ऑफिस पॉलिटिक्स की पहचान कई तरीकों से की जा सकती हैं। जब लोग एक-दूसरे की पीठ पीछे बुराई करने लगते हैं, तो यह पहला संकेत होता है। कार्यस्थल पर कुछ लोगों को बार-बार विशेष अवसर मिलना, जबकि मेहनती लोग नजरअंदाज हो रहे हों, यह भी पक्षपात का उदाहरण है। कभी-कभी जानबूझकर किसी को गलत जानकारी दी जाती है ताकि उसका काम बिगड़ जाए। किसी और के काम का श्रेय खुद लेना, या झूठी अफवाहें फैलाना भी ऑफिस पॉलिटिक्स के रूप हैं।
दफ्तर में गुटबाजी होना, जिससे कुछ लोग अलग-थलग महसूस करने लगें, एक और संकेत है। कुछ कर्मचारी जानबूझकर दूसरों के काम में बाधा डालते हैं या उनके प्रमोशन में अड़चनें लाते हैं। अधिकारी की चापलूसी करना और झूठी तारीफों से फायदा उठाना भी इसका हिस्सा है। जब ऑफिस का माहौल अविश्वास और तनाव से भर जाए, और कुशल व ईमानदार कर्मचारी खुद को हतोत्साहित महसूस करें, तो यह साफ संकेत होता है कि वहां ऑफिस पॉलिटिक्स हावी है।
कौन लोग है जो ऑफिस पॉलिटिक्स करते हैं
कौन लोग हैं जो ऑफिस पॉलिटिक्स के शिकार होते हैं
ऑफिस पॉलिटिक्स का कर्मचारियों पर प्रभाव
ऑफिस पॉलिटिक्स का कर्मचारियों पर गहरा और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो शिकार होते हैं। यह उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, जिससे तनाव, चिंता और असंतोष बढ़ने लगता है। राजनीति के कारण कर्मचारियों का मनोबल टूट जाता है और उनका आत्मविश्वास कम होने लगता है। जब मेहनती और योग्य कर्मचारियों की अनदेखी होती है और चापलूस लोगों को तरजीह दी जाती है, तो एक निराशाजनक माहौल बन जाता है।
इसके कारण टीम के बीच आपसी विश्वास कमजोर हो जाता है और सहयोग की भावना खत्म होने लगती है। लोग एक-दूसरे को शक की निगाह से देखने लगते हैं, जिससे टीम वर्क प्रभावित होता है। कार्य की गुणवत्ता गिरती है और कर्मचारी केवल दिखावे के लिए काम करने लगते हैं। कई बार योग्य और ईमानदार कर्मचारी इस राजनीति से तंग आकर नौकरी छोड़ने का फैसला भी कर लेते हैं, जिससे संगठन की प्रतिभा और स्थायित्व दोनों पर असर पड़ता है।
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