संदेश

अक्टूबर, 2025 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

क्या एनीमिया भारत की महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है?

चित्र
मैं डायग्नोस्टिक दुनिया से जुड़ा हुआ हूँ और अब तक हज़ारों लोगों के लिए लाखों ब्लड टेस्ट कर चुका हूँ। अपने अनुभव से मैंने एक चौंकाने वाली बात देखी है – अधिकतर महिलाओं का हीमोग्लोबिन लेवल नॉर्मल से कम होता है। 👉 क्यों ऐसा है? पौष्टिक आहार की कमी आयरन और फॉलिक एसिड की अनदेखी बार-बार गर्भधारण और उचित देखभाल का अभाव स्वास्थ्य जागरूकता की कमी यही वजह है कि भारत में महिलाओं में एनीमिया बेहद आम है। “क्या एनीमिया भारत की महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है? अगर हम 2 महिलाओं को साथ खड़ा करें तो उनमें से 1 महिला एनीमिक होगी। यानी सीधा-सीधा कहा जा सकता है – “भारत की हर दूसरी महिला एनीमिक है।” ✅ समाधान क्या है? संतुलित आहार (हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, दालें, अनार, चुकंदर आदि) आयरन और फॉलिक एसिड सप्लीमेंट (डॉक्टर की सलाह से) नियमित हेल्थ चेकअप और हीमोग्लोबिन टेस्ट महिलाओं के स्वास्थ्य पर जागरूकता और प्राथमिकता महिला ही परिवार और समाज की नींव है। अगर वे स्वस्थ नहीं होंगी तो आने वाली पीढ़ियाँ भी स्वस्थ नहीं रह पाएँगी। ✍️ मैं यह पोस्ट इसलिए लिख रहा हूँ ताकि इसकी गंभीरता को समझ सकें। भारत की सब...

क्या सच में फास्टिंग का मतलब सिर्फ़ सुबह का सैंपल है?

फास्टिंग सैंपल को लेकर लोग कई ग़लतफ़हमियाँ रखते हैं। कई लोग सोचते हैं कि फास्टिंग का मतलब पानी भी न पीना, जबकि सादा पानी पीया जा सकता है। रात का खाना छोड़ना ज़रूरी नहीं, बस 8–12 घंटे का गैप रखना होता है। ज़्यादा देर उपवास करने से रिपोर्ट अच्छी नहीं बल्कि ग़लत हो सकती है। हर टेस्ट में फास्टिंग ज़रूरी नहीं, जैसे CBC, LFT, KFT, थायरॉइड आदि बिना फास्टिंग भी हो सकते हैं, जबकि ब्लड शुगर और लिपिड प्रोफ़ाइल में ज़रूरी है। लोग मानते हैं कि चाय/कॉफ़ी से फर्क नहीं पड़ता, लेकिन यह भी रिपोर्ट असर डाल सकती है। दवा भी बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लेनी चाहिए क्योंकि कई दवाएँ रिपोर्ट बदल देती हैं। टेस्ट के बाद तुरंत भारी खाना खाने से भी परेशानी हो सकती है, इसलिए हल्का संतुलित नाश्ता लेना सही है। और अक्सर यह भी समझा जाता है कि फास्टिंग सैंपल का मतलब सिर्फ़ सुबह का सैंपल होता है, जबकि सच्चाई यह है कि दिन के किसी भी समय 8–12 घंटे का उपवास पूरा करने के बाद सैंपल लिया जाए तो वह फास्टिंग सैंपल कहलाता है।