Power of Silence in Noisy World
भूमिका मौन की शक्ति: शोर भरी दुनिया में शांति की ओर क्या आपने कभी यह सोचा है कि आख़िरी बार आपकी ज़िंदगी में वह पल कब आया था , जब चारों ओर पूर्ण मौन था? न किसी फ़ोन की घंटी, न सोशल मीडिया का अंतहीन शोर, और न ही मन में चलती विचारों की अनवरत दौड़… बस एक गहरी, नितांत शांति। हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं, जहाँ शोर हमारी रग-रग में समा गया है । हर पल सूचनाओं की बौछार, विज्ञापनों का हमला, और विचारों का अंतहीन कोलाहल हमें घेरे हुए है। इस निरंतर आपाधापी में, क्या हम सच में जी पा रहे हैं? या सिर्फ़ इस शोर की धारा में बहते हुए अपने ही भीतर से कटते जा रहे हैं? क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि सब कुछ होते हुए भी, भीतर कुछ खाली-सा है, कुछ अधूरा-सा? क्या यह अधूरापन उस मौन की कमी तो नहीं, जो हमें अपनी ही भीतर की आवाज़ सुनने का अवसर देता? यही सवाल उठाती है थिक न्यात हान्ह की कालजयी पुस्तक “Silence: The Power of Quiet in a World Full of Noise” यह केवल एक किताब नहीं, बल्कि एक अनमोल मार्गदर्शक है – एक ऐसी अंतर्यात्रा की ओर, जहाँ हम उस मौन को फिर से खोज सकें, जो न केवल...