कहा जाता है कि यदि बहुत से पंखों को सही दिशा में उड़ान मिले तो वह किसी एक पक्षी की तुलना में दोगुनी दूरी तय कर सकते हैं । संगठित लोगों के द्वारा एकीकृत कार्य से बड़े कार्य की सिद्धि होती है। सहयोग एक ऐसा हथियार है जिसके माध्यम से हम बड़े से बड़े काम को बड़ी ही आसानी से मंजिल तक पहुंचा सकते हैं। जिस काम को करने में एक अकेले आदमी को महीनों , सालों लग जाता है। उसी काम को पारस्परिक सहयोग के माध्यम से आसानी से कर सकते हैं। सहयोग को अमलीजामा पहनाने के लिए दो या दो से अधिक व्यक्तियों, समूह ,संगठन की जरूरत पड़ती है। यदि गौर से देखा जाए तो सहयोग कोई दया नहीं है। यह तो सामाजिक अपलिफ्टमेंट का सशक्त माध्यम है। हम किसी का सहयोग करके उस व्यक्ति को हमेशा के लिए अपना सहयोगी बना लेते हैं। यदि ज्यादा से ज्यादा लोगों का सहयोग करना हमसे नहीं बन पाता है तो कम से कम एक आदमी का तो सहयोग कर ही सकते हैं। जब सहयोग करने के महत्व की समझ लोगों में होती है तो कभी न समाप्त होने वाली सहयोग की एक श्रृंखला का निर्माण होता जाता है। सहयोग का भी अनेकों रूप हैं।सहयोग के लिए बहुत ज्यादा धन की भी आवश्यकता
सरना बिल्ली का मतलब ज्ञान के उस दीपक से है जो समाज में फैले अज्ञानता के अँधेरे को ज्योतिर्मय करता है और ज्ञान के प्रकाश को फैलता है I