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यूनिटी/एकता क्या है

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एकता एक सामाजिक टूल  एकता के बारीकियों को जाने  एकता का शाब्दिक अर्थ एकरूपता से है। एकता शक्ति संजोने का एक सामाजिक टूल है। एकता कार्य करने की क्षमता, सोचने की क्षमता, और शक्ति बढ़ाने की क्षमता में एक्स्पोनेंशियल वृद्धि करता है। जब कोई एकता में होता है तो उनकी इंडिविजुअलिटी खत्म होकर के सामूहिकता का उत्पत्ति होती है। कहने का मतलब है कि जब हम एकता में होते है तो मेजॉरिटी में काम होता है। किसी व्यक्ति विशेष की इसमें नहीं चलती। व्यक्तियों के बीच में आंतरिक सामंजस्य ही एकता है। एकता में दूसरे भागीदारों के प्रतिभाशाली प्रदर्शन को सराही वा स्वीकारी जाती हैं । यह मानें कि प्रत्येक व्यक्ति असाधारण प्रदर्शन दे सकता है। हम सभी ना केवल परस्पर ,बल्कि कार्य के प्रति भी निष्ठावान रहते हैं।  दूसरे व्यक्तियों के साथ मेल जोल ही एकता है। हमारी बुनियादी आवश्यकताओं में से एक आवश्यकता यह है कि हम अपनेपन के भाव को अनुभव करें। स्वयं को एक समग्र का हिस्सा अनुभव कर सकें। हमें बिलकुल ही अच्छा नहीं लगता है कि हमें सारी दुनिया से काटकर अलग कर दिया जाए। हम बाहरी दुनिया के साथ अपना जुड़ाव रखना चाहत...

धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा को नमन

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आज हम भगवान बिरसा मुंडा के 122 वीं शहादत दिवस मना रहे हैं। इस अवसर पर हम उनके जीवन के कुछ प्रेरणादायी  अनछुए पहलुओं को जानेंगे कि कैसे बिरसा मुंडा , हमारे धरती आबा और फिर हम आदिवासियों के भगवान कहे जाने लगे। 25 साल की जिंदगी और भगवान का दर्जा मिलना कोई छोटी बात नहीं है l                          बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को रांची जिले के उलीहातू गांव में हुआ था। आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार बिरसा मुंडा का नाम बिरसा बृहस्पतिवार दिन में पैदा होने के कारण रखा गया था । उनके पिता का नाम सुगना मुंडा और माता का नाम कर्मी था । उनकी प्रारंभिक शिक्षा चाईबासा के इंग्लिश मीडियम स्कूल में हुई । आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर सके ।              बचपन से ही बिरसा क्रांतिकारी विचारों के साहसी बालक थे।  वे हमेशा न्याय के पक्षधर थे और न्याय के पक्ष में हमेशा खड़ा रहते थे । सच्चाई का सा...