सरना बिल्ली का मतलब ज्ञान के उस दीपक से है जो समाज में फैले अज्ञानता के अँधेरे को ज्योतिर्मय करता है और ज्ञान के प्रकाश को फैलता है I
19 जून 2025
Blood Group
एफिलिएट मार्केटिंग
🌟 एफिलिएटेड मार्केटिंग क्या है? – आसान भाषा में समझें
🎯 आसान शब्दों में:
एफिलिएट मार्केटिंग का मतलब है – किसी कंपनी का सामान या सेवा (Product या Service) अपने लिंक से बेचकर कमीशन कमाना।
यानि जब कोई ग्राहक आपकी दी गई लिंक से कोई चीज़ खरीदता है, तो कंपनी आपको उसका एक हिस्सा पैसा देती है – इसे ही कमीशन कहते हैं।
✍️ एफिलिएटेड मार्केटिंग पर सरल और संपूर्ण लेख
🟩 शीर्षक:
एफिलिएटेड मार्केटिंग क्या है और इससे ऑनलाइन पैसे कैसे कमाएँ?
🔷 प्रस्तावना:
आज के डिजिटल युग में बिना दुकान खोले, बिना प्रोडक्ट बनाए भी पैसा कमाना संभव है। यह संभव हुआ है एफिलिएटेड मार्केटिंग की वजह से। यह एक ऐसा तरीका है जिससे कोई भी व्यक्ति, जो इंटरनेट या मोबाइल का उपयोग करता है, घर बैठे कमाई कर सकता है।
🔷 एफिलिएटेड मार्केटिंग क्या होती है?
एफिलिएटेड मार्केटिंग एक ऐसा तरीका है जिसमें आप किसी कंपनी का उत्पाद (Product) या सेवा (Service) अपने ब्लॉग, वेबसाइट, यूट्यूब या सोशल मीडिया पर प्रमोट करते हैं।
जब कोई व्यक्ति उस लिंक के जरिए उस प्रोडक्ट को खरीदता है, तो कंपनी आपको कमीशन देती है।
👉 उदाहरण:
मान लीजिए आप Amazon के एफिलिएट बने और आपने एक मोबाइल का लिंक फेसबुक पर शेयर किया। अगर कोई उस लिंक से मोबाइल खरीदता है तो Amazon आपको कुछ प्रतिशत कमीशन देगा।
🔷 कैसे शुरू करें एफिलिएट मार्केटिंग?
- कंपनी चुनें: जैसे Amazon, Flipkart, Meesho, Hostinger, Coursera, आदि।
- एफिलिएट प्रोग्राम जॉइन करें: उनकी वेबसाइट पर जाकर “Affiliate Program” में रजिस्टर करें।
- प्रोडक्ट लिंक लें: लॉगिन करके अपने पसंद का प्रोडक्ट चुनें और उसका ट्रैकिंग लिंक बनाएं।
- प्रमोशन करें: ब्लॉग, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक या व्हाट्सएप पर शेयर करें।
- कमाई करें: जब कोई उस लिंक से खरीदी करता है तो आपको पैसे मिलते हैं।
🔷 एफिलिएटेड मार्केटिंग से पैसे कैसे मिलते हैं?
कंपनी आपको परसेंटेज में कमीशन देती है, जैसे:
- Amazon पर मोबाइल पर 1-2%
- किताबों पर 5%
- फैशन पर 9% तक कमीशन मिल सकता है।
💡 नोट:
आपको तभी पैसे मिलेंगे जब ग्राहक आपके लिंक से खरीददारी करेगा।
🔷 एफिलिएटेड मार्केटिंग के फायदे:
✅ खुद का प्रोडक्ट नहीं चाहिए
✅ स्टार्ट करने में खर्च नहीं
✅ घर बैठे कमाई
✅ जितना प्रमोट करेंगे, उतनी कमाई बढ़ेगी
🔷 सावधानी:
- नकली प्रोडक्ट का प्रचार न करें
- सिर्फ सच्ची और उपयोगी चीजें ही बताएं
- लोगों को जबरदस्ती लिंक पर क्लिक करने को न कहें
🔷 निष्कर्ष:
एफिलिएटेड मार्केटिंग एक आसान, सच्चा और भरोसेमंद तरीका है जिससे आप ऑनलाइन पैसे कमा सकते हैं। आपको सिर्फ सीखने, मेहनत करने और सही तरीके से प्रमोट करने की जरूरत है। अगर आप लगातार काम करते रहेंगे तो आप एक अच्छी कमाई कर सकते हैं।
Google AdSense
💰 Google AdSense क्या है?
अपने ब्लॉग या वेबसाइट से पैसे कमाने का आसान तरीका
अगर आप इंटरनेट पर ब्लॉग लिखते हैं, वेबसाइट चलाते हैं या यूट्यूब चैनल पर काम करते हैं, तो आपको — Google AdSense की जानकारी का होना बेहद जरूरी है।
पर बहुत लोग अभी भी समझ नहीं पाते कि यह क्या है, कैसे काम करता है और इससे पैसे कैसे मिलते हैं।
चलिए इसे बहुत आसान भाषा में समझते हैं।
🔍 Google AdSense क्या है?
Google AdSense एक ऐसा प्रोग्राम है जो आपको आपकी वेबसाइट, ब्लॉग या यूट्यूब चैनल पर विज्ञापन (Ads) दिखाने की सुविधा देता है।
जब कोई व्यक्ति उन विज्ञापनों पर क्लिक करता है, तो आपको पैसे मिलते हैं।
सीधे शब्दों में:
👉 Google आपके ब्लॉग पर विज्ञापन दिखाता है, और उसके बदले आपको पैसे देता है।
💡 यह कैसे काम करता है? (आसान भाषा में)
- आपने एक ब्लॉग या वेबसाइट बनाई
- आप Google AdSense में साइन अप करते हैं
- Google आपकी वेबसाइट को जांचता है
- अगर सब कुछ सही रहा, तो आपको approval मिल जाता है
- फिर Google आपके ब्लॉग पर Ads (विज्ञापन) दिखाना शुरू करता है
- लोग उन Ads पर क्लिक करते हैं
- और आपको हर क्लिक के बदले पैसे मिलते हैं
📦 AdSense से कमाई के 3 मुख्य तरीके:
तरीका | मतलब |
---|---|
📌 CPC (Cost Per Click) | कोई ऐड पर क्लिक करता है, आपको पैसे मिलते हैं |
📌 CPM (Cost Per 1000 Impressions) | ऐड को 1000 बार देखा गया, तो पैसा |
📌 Ad Views | कभी-कभी बिना क्लिक के भी व्यू के आधार पर कमाई होती है |
✅ Google AdSense से पैसे कमाने के लिए क्या ज़रूरी है?
- आपकी एक अच्छी और साफ-सुथरी वेबसाइट/ब्लॉग हो
- उसमें कम से कम 15–20 क्वालिटी पोस्ट हों
- आपकी साइट पर Copyright-free कंटेंट हो (ना कि कॉपी-पेस्ट)
- आपकी साइट में Privacy Policy, About Us, Contact Us पेज हों
- आपकी साइट Google की AdSense Policies का पालन करती हो
🛠️ Google AdSense पर अकाउंट कैसे बनाएं?
- 👉 https://www.google.com/adsense पर जाएं
- ✅ अपने Gmail अकाउंट से लॉगिन करें
- 🌐 अपनी वेबसाइट का लिंक डालें
- 📄 जरूरी जानकारी भरें (नाम, पता, पिन कोड आदि)
- 📥 Submit करें और इंतज़ार करें Approval का
⏳ Approval मिलने में कितना समय लगता है?
⏰ आमतौर पर 2 से 14 दिन के भीतर
लेकिन अगर वेबसाइट में कोई पॉलिसी प्रॉब्लम हुई तो Reject भी हो सकता है।
💸 कमाई कहाँ जाती है?
- जब आपके अकाउंट में $100 या उससे ज़्यादा हो जाते हैं
- तो Google आपके द्वारा दिए गए बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देता है
- यह हर महीने की 21 तारीख के आस-पास होता है
🤔 क्या एक व्यक्ति कई बार AdSense ले सकता है?
❌ नहीं।
Google AdSense हर व्यक्ति को एक ही अकाउंट की अनुमति देता है।
अगर आपने पहले से AdSense लिया है, तो उसी को अन्य वेबसाइटों के साथ जोड़ सकते हैं।
🛑 किन बातों का ध्यान रखें?
- खुद अपने ऐड पर कभी क्लिक ना करें
- दूसरों से क्लिक करवाने की अपील न करें
- फर्जी ट्रैफिक या बॉट्स का उपयोग न करें
- नहीं तो आपका अकाउंट बैन हो सकता है
🏁 निष्कर्ष (Conclusion)
Google AdSense एक भरोसेमंद और आसान तरीका है ऑनलाइन पैसे कमाने का, लेकिन इसके लिए ईमानदारी से मेहनत करनी होती है।
अगर आपकी वेबसाइट पर अच्छा कंटेंट है, लोग उसे पसंद करते हैं और नियमित ट्रैफिक आता है — तो Google AdSense से आप हर महीने ₹5,000 से ₹50,000 या उससे भी ज़्यादा कमा सकते हैं।
Google Analytics
📊 Google Analytics क्या है?
आपकी वेबसाइट का डॉक्टर और जासूस — दोनों एक साथ!
आज के डिजिटल दौर में सिर्फ वेबसाइट बनाना काफी नहीं है, ये जानना भी ज़रूरी है कि उसे कौन देख रहा है, कब, कहाँ से और क्यों?
यह सब जानने का सबसे बेहतरीन, फ्री और पावरफुल तरीका है — Google Analytics।
✅ Google Analytics क्या करता है?
Google Analytics एक मुफ्त टूल है, जिसे Google ने बनाया है ताकि आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर आने वाले विज़िटर्स की हर गतिविधि को सटीक रूप से जान और समझ सकें।
इससे आपको इन सभी सवालों के जवाब मिलते हैं:
🔹 मेरी वेबसाइट पर कितने लोग आ रहे हैं?
🔹 वे कहाँ से आ रहे हैं — Google, Facebook या WhatsApp से?
🔹 लोग कौन-से पेज ज़्यादा देख रहे हैं?
🔹 मोबाइल से देख रहे हैं या लैपटॉप से?
🔹 कितनी देर तक साइट पर रुकते हैं?
👉 यानी आप अपनी वेबसाइट को भीतर से देख सकते हैं, और समझ सकते हैं कि किस चीज़ में सुधार करना है।
🧠 आसान भाषा में उदाहरण:
मान लीजिए आपने एक मिठाई की दुकान खोली (वेबसाइट बनाई)।
अब आप जानना चाहते हैं:
- कितने लोग दुकान पर आए?
- वे किन रास्तों से आए (Google, Instagram, या किसी ब्लॉग से)?
- क्या उन्होंने गुलाब जामुन खरीदा या बर्फी पसंद की?
- कितनी देर रुक कर देखा?
👉 Google Analytics आपकी दुकान (वेबसाइट) की यह सारी रिपोर्ट फ्री में बनाकर देता है।
📋 Google Analytics में कौन-कौन सी जानकारी मिलती है?
फीचर | इसका मतलब |
---|---|
👥 Users | कितने अलग-अलग लोग वेबसाइट पर आए |
🔁 Sessions | कुल कितनी बार साइट देखी गई |
⏱️ Average Duration | लोग कितनी देर तक साइट पर रहे |
📄 Page Views | कौन-कौन से पेज देखे गए और कितनी बार |
📉 Bounce Rate | कितने लोग तुरंत साइट छोड़कर चले गए |
🌍 Traffic Source | लोग कहाँ से आए (Google, Direct, Facebook आदि) |
📱 Device Info | वे मोबाइल से आए या लैपटॉप से |
🕒 Real-Time Report | अभी इस समय कितने लोग साइट पर हैं |
🛠️ Google Analytics कैसे सेट करें? (Step-by-step)
- 🔗 Google Analytics वेबसाइट खोलें
- 🎯 अपने Gmail ID से लॉगिन करें
- ➕ नई “Property” बनाएं (आपकी वेबसाइट का नाम और लिंक दें)
- 🧩 आपको एक Tracking Code मिलेगा
- 💻 इस कोड को अपनी वेबसाइट के टैग में पेस्ट करें
(Blogger, WordPress या Wix में आसानी से किया जा सकता है)
कुछ ही घंटों में डेटा दिखने लगेगा।
🎯 Google Analytics किसके लिए ज़रूरी है?
- ✔️ Bloggers – कौन-सा लेख सबसे ज़्यादा पढ़ा जा रहा है?
- ✔️ Digital Marketers – कौन-सी Strategy काम कर रही है?
- ✔️ Business Owners – क्या वेबसाइट पर ग्राहक आ रहे हैं?
- ✔️ Students – SEO और डिजिटल स्किल्स सीखने के लिए
- ✔️ YouTubers & Influencers – वेबसाइट लिंक पर कितना ट्रैफिक आ रहा है?
🔐 Google Analytics के फायदे
✅ बिल्कुल फ्री है
✅ रियल-टाइम रिपोर्ट देता है
✅ यूज़र की सोच और व्यवहार को समझने में मदद करता है
✅ वेबसाइट परफॉर्मेंस को सुधारने में मदद करता है
✅ SEO और Ad Campaign को बेहतर बनाता है
✍️ निष्कर्ष (Conclusion)
Google Analytics आपकी वेबसाइट की आँख और कान है।
यह आपको बताता है कि आपका कंटेंट किसे पसंद आ रहा है, कौन-से पेज काम नहीं कर रहे, और आप कहां सुधार कर सकते हैं।
👉 अगर आप वेबसाइट या ब्लॉग से सीरियस हैं, तो Google Analytics को जरूर सीखिए और इस्तेमाल कीजिए।
यह आपके डिजिटल सफर को तेज़, समझदार और सफल बना देगा।
18 जून 2025
अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल बनें
अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल बनें
अगर समाज में संरचनात्मक बदलाव लाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने बच्चों के लिए रोल मॉडल बनना पड़ेगा । अपने बच्चों को संस्कारी बनाने के लिए बच्चों के समक्ष कोई ऐसा काम नहीं करना है, जिनसे उनके दिमाग में नेगेटिव छाप पड़े। बच्चों का पहला पाठशाला घर से ही शुरु होता है और पहला शिक्षक मां बाप और परिवार के अन्य सदस्य होते हैं। बच्चों में देखकर सीखने की क्षमता सबसे अधिक होती है। बच्चों में अच्छे और बुरे की फर्क नहीं होती है । उनके सामने जो कुछ भी हो रहा होता है उनको बड़े गौर से देख रहे होते हैं । बच्चों के संस्कार या आदत बिल्डिंग में हम अभिभावकों का बहुत बड़ा हाथ होता है। क्योंकि जैसा हम बच्चों को माहौल और परिवेश देंगे बच्चे वैसे ही होंगे। यदि हम में कोई गंदी आदत होगी तो निश्चित तौर से वही आदत कालांतर में हमारे बच्चों में परिलक्षित होगी। बच्चों के द्वारा अर्जित संस्कार हमारे संस्कारों का ही आइना होता है। गलत आदतों का चक्र अपने आपको तब तक दोहराते रहता है जब तक उसे तोड़ा ना जाए। उदाहरण के लिए मान लीजिए।
मेरे दादा (2nd) जी ने अपने पिता(1st)को दारु पीते हुए देखा होगा। नशा पान गलत चीज है, इसका बोध होने से पहले ही दादाजी ने पीना सीख लिया होगा। दादाजी को देखकर मेरे पिता (3rd) सीख गया और फिर मैं (4th) । यह तो पक्का है कि मुझे देखकर मेरा बच्चा (5th) भी सीख ही जाएगा । इसी तरह से यह कुचक्र बदस्तूर बिना रुके चलता रहेगा । वर्तमान में फिलहाल हम हैं ।और यह सब हम पर निर्भर करता है कि इस चक्र को यहीं पर तोड़कर रोक दें या फिर इसको आगे लेकर चलें। इनकी निरंतरता से यह बात निकलकर सामने आती है कि किसी ने भी इसको रोकने की तबीयत से कोशिश नहीं की , जिस तरह से कोशिश करनी चाहिए थी। शायद कोशिश की भी होगी लेकिन खुद नशा पान लेते रहे और दूसरे को ना करने का प्रवचन देते रहे। मतलब साफ है दूसरों को सुधारने से पहले खुद को सुधरना होगा ।
और ऐसा बात बिल्कुल भी नहीं है कि अच्छी आदतों का चक्र नहीं होता। अच्छी आदतों का भी चक्र होता है। खिलाड़ी का बेटा ज्यादातर मामलों में खिलाड़ी ही बनता है। सैनिक का बेटा सैनिक ही होता है। अगर कोई नेता है तो उसकी भरसक कोशिश होती है कि टिकट उन्हीं के बेटे या बेटी को मिले। किसान का बेटा किसान ही बनेंगे ज्यादातर मामलों में। डॉक्टर भी यही चाहेगा कि उसका बेटा डॉक्टर ही बने। आप ही नेता का बेटा अभिनेता ही बनेगा। यह भी तो एक चक्र ही है साहब। और ऐसा हो भी क्यों ना। प्रत्येक अभिभावक को अपने बच्चों के कैरियर के बारे में सोचना चाहिए। प्रत्येक अभिभावक यही चाह होती है कि उनके बच्चे का लाईफ सिक्योर हो। डॉक्टर का बेटा डॉक्टर इसीलिए बन पाता है क्योंकि बचपन से ही उसके घर में उनको उस तरह का माहौल मिलता है। कहने का मतलब है आप इकाई को ठीक कीजिए दहाई खुद ब खुद ठीक हो जाएगा।
सही मायने में अगर देखा जाए तो संरचनात्मक और क्रियात्मक सामाजिक बदलाव का पहला कार्य क्षेत्र अपना घर ही होता है। पहला सीढ़ी अपने बच्चों का सही परवरिश करना है। परिवार एक यूनिट होता है और जिसका संचालन हम खुद करते हैं।
नैतिक मूल्यों से अवगत कराएं
बच्चों को अनुशासित बनाएं
अपने बच्चों को एडल्ट्री से दूर रखें
बच्चों को सुपरविजन में रखें
अपने बच्चों की तुलना दूसरे बच्चों से ना करें
अपना सपना बच्चों पर ना थोपें
बहुत बार ऐसे देखने को मिलता है कि हम अपने जीवन में किसी कारणवश अपना लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाते हैं। उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपने बच्चों पर ज़ोर लगाते हैं। हम चाहते हैं कि जो काम हमसे ना हो पाया वो हमारे बच्चे करें। इसको लेकर के हम उनको फॉर्सफुली सिखाने या समझाने का कोशिश करते हैं। डर और नीरसता के कारण बच्चे कोई भी काम को ढंग से नहीं कर पाते हैं। सभी रुचिकर काम छूट जाते हैं। अगर उनसे अच्छे परिणाम की उम्मीद करते हैं तो उन्हें फ़्री छोड़ दें। सिर्फ मार्गदर्शन करें।
नशीली पदार्थों के उपयोग से बचें
चुकी परिवार का माहौल बच्चों के सीखने के लिए बहुत बड़ा स्कूल होता है। इसीलिए बच्चों के सामने या घर में कभी भी मादक पदार्थों का इस्तेमाल से बचें। मादक पदार्थों के दुषपरिणामों से बच्चों को अवश्य अवगत कराएं। मादक पदार्थों का उपयोग करने वाले परिवारों के बच्चे ज्यादातर मामलों में जल्दी सीख जाते हैं। क्योंकि माहौल उन्हें घर में ही मिल जाता है। नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए प्रत्येक इंडिविजुअल को पहल करने की जरूरत है।
बच्चों के मन की जिज्ञासा को शांत करें
टीवी प्रोग्राम उनके सच्चाई को बताएं
हाईजीन और सैनिटेशन
बच्चों को घर का काम अवश्य सीखाएं
अन्य बातें
- बच्चों के सामने सेक्सुअल एक्टिविटी से बचें।
- बच्चों को सेक्स एजुकेशन की जानकारी अवश्य दें।
- बच्चों के सामने कभी भी गंदी गंदी बातों का प्रयोग ना करें।
- गंदी बातों के साथ बच्चों को कभी भी संबोधित ना करें।
- बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में अवश्य बताएं।
- बच्चों को धर्म और संस्कृति के बारे में अवश्य जानकारी दें। बच्चों को सैद्धांतिक धार्मिकता के बारे में बताएं। बच्चों को अंधभक्त ना बनाएं।
- बच्चों को सहिष्णु और शालीन बनाएं जिद्दी और उदंड कभी ना बनाएं।
- बच्चों को पैसों के इम्पोर्टेंस के बारे में समझाएं।
- कोशिश करें कि बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से दूर रखें।
- खेल कूद और स्वास्थ्य संबंधी आदतें विकसित करें।
- पर्यावरण और प्रकृति से संबंधित जानकारी दें।
- पेड़ पौधा लगाना सिखाए।
- खाने पीने की अच्छी आदतें विकसित करें।
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) क्या है?
Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाएं – वो भी बिना एक भी पैसा लगाए
💡 Affiliate Marketing से पैसे कैसे कमाएं – वो भी बिना एक भी पैसा लगाए
आज के डिजिटल युग में बिना दुकान, बिना प्रोडक्ट, बिना इन्वेस्टमेंट के भी लोग घर बैठे हजारों रुपये कमा रहे हैं। कैसे?
Affiliate Marketing से। यह तरीका उन लोगों के लिए वरदान है जो ऑनलाइन कमाई करना चाहते हैं, लेकिन जेब से पैसे नहीं लगाना चाहते।
🟢 Affiliate Marketing क्या है?
Affiliate Marketing एक ऐसा तरीका है जिसमें आप किसी कंपनी या वेबसाइट के प्रोडक्ट को प्रमोट करते हैं, और जब कोई व्यक्ति आपके दिए गए लिंक से वह चीज़ खरीदता है, तो कंपनी आपको कमीशन देती है।
✅ बिना पैसे लगाए एफिलिएट मार्केटिंग से कमाई करने के स्टेप्स
🥇 Step 1: एक अच्छा Affiliate Program जॉइन करें (बिलकुल फ्री)
आप नीचे दिए गए किसी भी Affiliate प्रोग्राम से फ्री में जुड़ सकते हैं:
प्लेटफॉर्म | कमीशन | लिंक |
---|---|---|
Amazon | 1% – 10% | Amazon Associates |
Flipkart | 5% – 12% | Flipkart Affiliate |
Meesho | ₹25–₹500 | Meesho |
EarnKaro | आसान तरीका | EarnKaro |
इन सभी में अकाउंट बनाना बिलकुल फ्री है।
🥈 Step 2: अपना Affiliate लिंक बनाएं
जब आप किसी प्रोडक्ट को प्रमोट करना चाहते हैं, तो उस प्रोडक्ट का एक आपका स्पेशल लिंक बनता है।
इसी लिंक से जब कोई खरीदारी करेगा, तो आपको कमाई होगी।
उदाहरण:
अगर आपने Amazon से ₹10,000 का मोबाइल लिंक किया, और कोई उस लिंक से खरीदे, तो आप 4% यानी ₹400 तक कमा सकते हैं।
🥉 Step 3: लिंक को मुफ्त में प्रमोट करें
👇 बिना कोई पैसा लगाए आप अपने लिंक को कई तरीकों से शेयर कर सकते हैं:
🔸 1. WhatsApp और Telegram ग्रुप्स
– डेली डील्स, ऑफर, मोबाइल रिव्यू लिंक शेयर करें
– फैमिली और दोस्तों से खरीदवाएं
🔸 2. Facebook Page/Group बनाएं
– नाम रखें: “Best Online Deals”, “Today’s Offer”
– फोटो और डिस्काउंट के साथ लिंक लगाएं
🔸 3. Instagram Reels / YouTube Shorts बनाएं
– "Top 5 Budget Gadgets under ₹500"
– डिस्क्रिप्शन या बायो में लिंक लगाएं
🔸 4. फ्री ब्लॉग या वेबसाइट बनाएं
– Blogger.com या Google Sites से एक फ्री वेबसाइट बनाएं
– वहां प्रोडक्ट रिव्यू और लिंक डालें
🏁 Step 4: कमाई शुरू करें
- कोई भी व्यक्ति जब आपके लिंक से कुछ खरीदता है,
- तो उसका रिकॉर्ड आपके Affiliate Dashboard में दिखता है
- कुछ दिनों में कमीशन अप्रूव होकर आपके बैंक में आ जाता है
📊 उदाहरण से समझिए:
अगर आपने दिन में सिर्फ 3 लोगों को ₹2000–₹3000 के प्रोडक्ट्स खरीदवा दिए,
और प्रति प्रोडक्ट ₹150–₹300 की कमाई हुई,
तो आप रोज़ ₹500–₹1000 तक कमा सकते हैं — बिना एक पैसा लगाए।
📌 जरूरी बातें:
सुझाव | क्यों ज़रूरी है |
---|---|
एक Niche चुनें | जैसे सिर्फ Mobile, Fashion या Kitchen आइटम्स |
सही Product चुनें | जो Trending और सस्ता हो |
लगातार शेयर करें | नियमित पोस्टिंग से भरोसा बनता है |
Link ट्रैक करें | Bitly या EarnKaro ऐप से लिंक को छोटा और ट्रैक करें |
🏆 निष्कर्ष:
Affiliate Marketing एक शानदार तरीका है जिससे आप बिना प्रोडक्ट बनाए, बिना खर्च किए, सिर्फ अपने मोबाइल और इंटरनेट से पैसा कमा सकते हैं। बस जरूरत है थोड़ी समझदारी, नियमितता और मेहनत की।
डिजिटल मार्केटिंग: इंटरनेट की दुनिया में सफलता की चाबी
आज का युग इंटरनेट और तकनीक का है। जैसे-जैसे लोग ऑनलाइन होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे व्यापार और मार्केटिंग के तरीके भी बदलते जा रहे हैं। इसी बदलाव की दुनिया का नाम है – डिजिटल मार्केटिंग।
🔷 डिजिटल मार्केटिंग क्या है?
डिजिटल मार्केटिंग का मतलब है – किसी भी प्रोडक्ट, सेवा या ब्रांड को इंटरनेट, मोबाइल, सोशल मीडिया, सर्च इंजन और अन्य डिजिटल माध्यमों के जरिए प्रमोट करना।
जहां पहले कंपनियां टीवी, अखबार और रेडियो के सहारे विज्ञापन करती थीं, वहीं अब वे Google, Facebook, Instagram, YouTube जैसी साइट्स के जरिए अपने ग्राहकों तक सीधा पहुंच रही हैं।
🔷 डिजिटल मार्केटिंग क्यों ज़रूरी है?
- 🌍 दुनिया भर में पहुँच – कोई भी व्यक्ति देश-दुनिया में अपने ब्रांड को दिखा सकता है।
- 🎯 सटीक टारगेटिंग – सही उम्र, रुचि और लोकेशन वाले ग्राहक तक पहुंचना आसान।
- 💸 कम लागत में ज़्यादा फायदा – पारंपरिक विज्ञापन की तुलना में सस्ता।
- 📈 परिणाम मापना आसान – हर क्लिक, हर विज़िट को ट्रैक किया जा सकता है।
🔷 डिजिटल मार्केटिंग के मुख्य हिस्से
1️⃣ SEO (Search Engine Optimization)
Google जैसे सर्च इंजन में वेबसाइट को पहले पेज पर लाने की तकनीक। SEO से आपकी साइट पर बिना पैसे खर्च किए ट्रैफिक आता है।
2️⃣ Social Media Marketing (SMM)
Facebook, Instagram, YouTube आदि पर पोस्ट, रील्स और एड्स के माध्यम से लोगों तक पहुंचना।
3️⃣ Affiliate Marketing
दूसरे के प्रोडक्ट को प्रमोट करके कमीशन कमाना। आज लाखों लोग Amazon, Flipkart आदि से Affiliate करके पैसे कमा रहे हैं।
4️⃣ Email Marketing
कस्टमर्स को ईमेल भेजकर उन्हें नई चीज़ों की जानकारी देना या उन्हें फिर से वेबसाइट पर लाना।
5️⃣ Google Ads (SEM)
पैसे खर्च करके अपने बिजनेस का विज्ञापन Google Search या YouTube पर दिखाना। यह जल्दी रिजल्ट देने वाला तरीका है।
6️⃣ Content Marketing
ब्लॉग, वीडियो, ई-बुक या गाइड बनाकर लोगों को जानकारी देना और उनके भरोसे को जीतना।
🔷 डिजिटल मार्केटिंग कैसे सीखें?
आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग सीखना आसान है, बस आपको सही दिशा में मेहनत करनी होगी:
- 🖥 Free Online Courses: Google Digital Garage, HubSpot, YouTube Tutorials
- 📚 Paid Courses: Udemy, Coursera, Skillshare
- 🔧 Tools: Canva, Google Analytics, Semrush, Ahrefs, Mailchimp
- 📝 Practice: खुद की एक वेबसाइट या ब्लॉग बनाकर उस पर प्रयोग करें
🔷 डिजिटल मार्केटिंग से करियर कैसे बनाएं?
डिजिटल मार्केटिंग न सिर्फ बिजनेस के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे आप शानदार करियर भी बना सकते हैं:
- ✅ SEO Expert
- ✅ Social Media Manager
- ✅ Content Writer
- ✅ PPC Ads Specialist
- ✅ Digital Marketing Consultant
- ✅ Freelancer / Blogger / YouTuber
आज बड़ी-बड़ी कंपनियां डिजिटल मार्केटर्स को ₹25,000 से ₹1,00,000 प्रति माह तक सैलरी दे रही हैं। साथ ही, फ्रीलांस काम करके भी लोग लाखों कमा रहे हैं।
🔷 निष्कर्ष
डिजिटल मार्केटिंग आज का नहीं, भविष्य का मार्केटिंग टूल है। अगर आप इसे सही तरीके से सीख लें तो आप नौकरी, फ्रीलांसिंग, ब्लॉगिंग या अपना खुद का ऑनलाइन बिजनेस किसी भी दिशा में सफलता पा सकते हैं। इंटरनेट की इस दुनिया में आपका ब्रांड तभी चमकेगा जब आप सही प्लेटफॉर्म और सही रणनीति अपनाएंगे।
16 जून 2025
Yoga for youth :- एक जीवन मंत्र
आज के युवाओं की दिनचर्या में मोबाइल फोन, इंटरनेट और सोशल मीडिया का बहुत बड़ा स्थान हो गया है। सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक, वे अधिकतर समय स्क्रीन के सामने बिताते हैं। यह डिजिटल आदतें धीरे-धीरे उनके जीवन का हिस्सा नहीं, बल्कि उनकी आदत और जरूरत बन चुकी हैं।
इसके कारण वे देर रात तक जागते हैं, समय पर खाना नहीं खाते, शारीरिक गतिविधियाँ बहुत कम हो जाती हैं और उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। यह अनियमित जीवनशैली धीरे-धीरे उनके शरीर को थका देती है और मन को भी अशांत कर देती है।
इसका सीधा असर उनकी सेहत पर पड़ता है — कमज़ोरी, थकान, सिरदर्द, आंखों की जलन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं। पढ़ाई में मन नहीं लगता, एकाग्रता कम हो जाती है और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या चिड़चिड़ापन भी महसूस होता है।
_______________________________________________
🧘♀️ युवाओं के लिए योग क्यों जरूरी है
मानसिक तनाव और चिंता का बढ़ना
आज के युवा हर दिशा से दबाव में हैं — पढ़ाई में अच्छे नंबर लाने का तनाव, करियर में सफल होने की दौड़, घर-परिवार की अपेक्षाएँ, और सोशल मीडिया पर खुद को बेहतर दिखाने का बोझ।इन सभी बातों ने युवाओं के मन को बेचैन, अस्थिर और तनावग्रस्त बना दिया है।कई बार बिना किसी कारण के चिड़चिड़ापन, गुस्सा, अकेलापन या घबराहट महसूस होती है ये सब मानसिक तनाव के संकेत हैं।
योग का समाधान:
🧘♀️ प्राणायाम (सांस लेने का अभ्यास) और ध्यान (meditation) जैसे योग अभ्यास तनाव को दूर करने में बहुत मदद करते हैं।
🧘♀️ ये अभ्यास मन को शांत करते हैं, सोच को सकारात्मक बनाते हैं और आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।
🧘♀️ नियमित योगाभ्यास से युवाओं मे आत्म नियंत्रण की भावना बढ़ती है ।
तनाव से मुक्त होने के लिए कोई दवाई नहीं, बल्कि दिशा चाहिए – और वह दिशा योग देता है।योग न सिर्फ सिखाता है जीना, बल्कि शांत और स्थिर रहकर जीतना भी।
14 जून 2025
Power of Silence in Noisy World
भूमिका
मौन की शक्ति: शोर भरी दुनिया में शांति की ओर
क्या आपने कभी यह सोचा है कि आख़िरी बार आपकी ज़िंदगी में वह पल कब आया था, जब चारों ओर पूर्ण मौन था?
न किसी फ़ोन की घंटी,
न सोशल मीडिया का अंतहीन शोर,
और न ही मन में चलती विचारों की अनवरत दौड़…
बस एक गहरी, नितांत शांति।
हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं, जहाँ शोर हमारी रग-रग में समा गया है।
हर पल सूचनाओं की बौछार,
विज्ञापनों का हमला,
और विचारों का अंतहीन कोलाहल हमें घेरे हुए है।
इस निरंतर आपाधापी में,
क्या हम सच में जी पा रहे हैं?
या सिर्फ़ इस शोर की धारा में बहते हुए अपने ही भीतर से कटते जा रहे हैं?
क्या आपको कभी ऐसा महसूस हुआ है कि सब कुछ होते हुए भी,
भीतर कुछ खाली-सा है, कुछ अधूरा-सा?
क्या यह अधूरापन उस मौन की कमी तो नहीं,
जो हमें अपनी ही भीतर की आवाज़ सुनने का अवसर देता?
यही सवाल उठाती है थिक न्यात हान्ह की कालजयी पुस्तक
“Silence: The Power of Quiet in a World Full of Noise”
यह केवल एक किताब नहीं,
बल्कि एक अनमोल मार्गदर्शक है – एक ऐसी अंतर्यात्रा की ओर,
जहाँ हम उस मौन को फिर से खोज सकें,
जो न केवल भीतर की शांति,
बल्कि गहरी समझ और सच्चे आत्मज्ञान का प्रवेश द्वार है।
यह पुस्तक आपको आमंत्रित करती है –
उस चुप्पी में उतरने के लिए,
जहाँ जीवन की सबसे गहरी सच्चाइयाँ आपका इंतज़ार कर रही हैं।
🌿 तो क्या आप तैयार हैं इस मौन की यात्रा पर निकलने के लिए?
🕊️ मौन का वास्तविक अर्थ क्या है?
हम अक्सर सोचते हैं कि मौन का मतलब है — बोलना बंद कर देना या आस-पास का शांत वातावरण।
लेकिन सच्चा मौन इससे कहीं ज़्यादा गहरा होता है।
थिक न्यात हान्ह के अनुसार, मौन वह स्थिति है जब हमारा मन भीतर से शांत होता है।
यह तब होता है जब हम:
- डर, गुस्से या उलझनों से मुक्त होते हैं,
- भाग-दौड़ छोड़कर इस पल में पूरी तरह उपस्थित होते हैं,
- और अपने भीतर की सच्ची आवाज़ को सुनने लगते हैं।
मौन केवल बाहर की चुप्पी नहीं, बल्कि भीतर की स्पष्टता और संतुलन है।
यह वह जगह है जहाँ हम बिना बोले भी बहुत कुछ समझते हैं खुद को, दूसरों को और जीवन को।
“मौन वह नहीं कि हम क्या नहीं कह रहे,
मौन वह है जो हम अंदर से महसूस कर रहे हैं।”
इस शोर भरी दुनिया में, जहां हर पल कोई न कोई आवाज़ हमें खींचती है, मौन हमें भीतर लौटने का रास्ता दिखाता है।
🔊शोर – बाहरी भी, भीतरी भी
आज की दुनिया में शोर केवल बाहर नहीं है, वह हमारे भीतर भी बसा हुआ है।
बाहर की बात करें तो — मोबाइल की घंटियाँ, सोशल मीडिया की नोटिफिकेशन, टीवी, ट्रैफिक, और लगातार चल रही बातचीत। ये सब हमारी एकाग्रता को तोड़ते हैं और मन को थका देते हैं।
लेकिन इससे भी अधिक गहरा होता है — भीतर का शोर।
यह वो आवाज़ें हैं जो कोई सुन नहीं पाता:
- बीते कल की चिंता,
- आने वाले कल का डर,
- आत्म-संदेह, पछतावा, और अधूरी इच्छाएँ।
थिक न्यात हान्ह कहते हैं कि जब हम मौन में बैठते हैं, तो सबसे पहले यही शोर सुनाई देता है।
और यही शोर हमें खुद से दूर करता है।
मौन की शक्ति तभी प्रकट होती है जब हम इस भीतर-बाहर के शोर को पहचानते हैं, स्वीकार करते हैं, और धीरे-धीरे उससे अलग होते हैं।
यह आसान नहीं, लेकिन संभव है।
"हम तब शांत होते हैं, जब हम शोर को बाहर नहीं,
भीतर से निकालते हैं।"
मौन कोई 'भागना' नहीं है — यह एक बहादुरी भरा निर्णय है कि हम अपनी भीतरी हलचल को देखने और उससे आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं।
मौन के लाभ (Benefits of Silence)
मौन सिर्फ चुप रहना नहीं होता, बल्कि यह अपने भीतर झांकने का एक तरीका है। जब हम कुछ समय के लिए शोर से दूर होते हैं, तो हमारा मन शांत होने लगता है और सोचने-समझने की ताकत बढ़ती है।
मौन हमें मानसिक शांति देता है। जब दिमाग में कम बातें चलती हैं, तो हम ज्यादा साफ़ सोच पाते हैं और बेहतर फैसले ले सकते हैं। यह तनाव को कम करता है और हमें भीतर से हल्का महसूस कराता है।
भावनाओं के मामले में भी मौन बहुत मदद करता है। यह हमें हमारे डर, दुख और गुस्से को पहचानने और धीरे-धीरे समझने में मदद करता है। मौन के जरिए हम अपने आप को बेहतर समझ पाते हैं और अपने अंदर एक तरह की स्थिरता महसूस करते हैं।
शरीर के लिए भी मौन फायदेमंद है। यह दिमाग को आराम देता है, नींद को सुधारता है और थकान को कम करता है।
रिश्तों में मौन बहुत काम आता है। जब हम दूसरों को ध्यान से सुनते हैं, बिना बीच में टोकें, तो वे हमें ज्यादा समझदार और भरोसेमंद मानते हैं। इससे रिश्तों में गहराई आती है।
सबसे बड़ी बात – मौन हमें इस पल में जीना सिखाता है। यह हमें याद दिलाता है कि असली शांति और खुशी बाहर नहीं, हमारे अंदर होती है। इसलिए, थोड़ी देर के लिए भी मौन में बैठना हमें खुद से जोड़ देता है – और यही इसकी असली ताकत है।
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मौन का अभ्यास कैसे करें (How to Practice Silence)
मौन का अभ्यास करना बहुत आसान है। दिन में कुछ मिनट अपने लिए निकालें जब आप अकेले हों और कोई बात न करें। मोबाइल, टीवी और दूसरी आवाजें बंद कर दें। बस शांत बैठें और गहरी साँस लें। कोशिश करें कि मन में चल रही बातों को भी थोड़ा शांत करें।
अगर सोचें आ रही हों तो उन्हें रोके नहीं, बस आने दें और जाने दें। आप चाहें तो पेड़ के नीचे बैठ सकते हैं, सुबह का समय चुन सकते हैं या दिन में जब भी थोड़ा समय मिले तब कुछ पल चुप रहकर अपने अंदर झांक सकते हैं।
धीरे-धीरे यह आदत बन जाएगी और आपको शांति महसूस होने लगेगी। यही मौन का अभ्यास है – खुद से मिलने का सरल रास्ता।
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मौन और संबंध (Silence in Relationships)
रिश्तों में मौन का बहुत गहरा असर होता है। जब हम बिना बोले किसी को ध्यान से सुनते हैं, तो वह खुद को समझा हुआ महसूस करता है। कई बार शब्दों से ज्यादा असर मौन का होता है – एक शांत मौजूदगी, एक समझ भरी नज़र, या सिर्फ साथ बैठना।
मौन हमें गुस्से में कुछ गलत कहने से भी बचाता है। यह सोचने का मौका देता है कि हमें क्या बोलना चाहिए और कैसे। रिश्तों में जब हम थोड़ा रुकते हैं, चुप रहते हैं, तो गलतफहमियाँ कम होती हैं और जुड़ाव बढ़ता है।
मौन समझ और अपनापन लाता है – और कई बार, सच्चा प्यार शब्दों से नहीं, मौन से ही ज़ाहिर होता है।
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मौन और आत्म-जागरूकता (Silence & Self-Awareness)
मौन आत्म-जागरूकता का पहला कदम है। जब हम बाहर के शोर से दूर होकर कुछ समय खुद के साथ चुपचाप बैठते हैं, तो हमें अपने भीतर की आवाज़ें सुनाई देने लगती हैं – जैसे हम क्या महसूस कर रहे हैं, क्या सोच रहे हैं, और क्यों।
मौन हमें यह समझने में मदद करता है कि हम किस चीज़ से डरते हैं, हमें क्या खुशी देता है, और हम किस दिशा में बढ़ना चाहते हैं। यह खुद को जानने का मौका देता है – बिना किसी दबाव, भूमिका या दिखावे के।
जब हम नियमित रूप से मौन में बैठते हैं, तो हमारी सोच साफ़ होती है और हम अपने फैसले, आदतें और व्यवहार को बेहतर समझ पाते हैं।
इस तरह, मौन हमें अपने सच्चे स्वरूप से जोड़ता है – और यही आत्म-जागरूकता की असली शुरुआत है।
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हमारी ख़ामोशी को लोग कहीं हमारी कमज़ोरी न समझ लें – यह डर या चिंता बहुत स्वाभाविक है।
क्योंकि जब हम कुछ नहीं कहते, तो दुनिया मान लेती है कि हमारे पास कहने को कुछ नहीं है। जब हम जवाब नहीं देते, तो लोग सोचते हैं कि शायद हम हार गए। लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता।
चुप रहना अक्सर एक ऐसा निर्णय होता है, जो गुस्से, झुंझलाहट या तर्क की बजाय समझदारी और धैर्य से लिया जाता है। हम सब जानते हैं कि किसी को जवाब देना आसान है, पर चुप रहकर चीज़ों को सहन करना, समझना और समय का इंतजार करना बहुत कठिन होता है। यह कमज़ोरी नहीं, बल्कि आत्मबल और भीतर की शक्ति होती है।
जो लोग हमारी ख़ामोशी को हमारी कमज़ोरी समझते हैं, वे शायद यह नहीं समझते कि हम किसी बात को शब्दों में नहीं, बल्कि अपने शांत व्यवहार और सही समय पर उठाए गए कदमों से जवाब देना जानते हैं। हमारी चुप्पी हमारे चरित्र की ताक़त है — न कि हमारी हार की कहानी।
इसलिए हमें अपनी चुप्पी से घबराना नहीं चाहिए। दुनिया कुछ भी समझे, लेकिन हमें यह मालूम होना चाहिए कि हमारे भीतर की शांति, हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। मौन हमेशा डर या हार नहीं होता — कई बार यह सबसे ऊंची आवाज़ होती है, जो बिना बोले बहुत कुछ कह जाती है।
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अंत में हम मौन के बारे में एक बात कह सकते हैं कि
ख़ामोशी की ताक़त – सबसे ऊँची आवाज़ बिना शोर के।
🔸 मौन कभी कमज़ोरी नहीं, गहरी समझ का संकेत है।
🔸 जब शब्द थम जाते हैं, तब ख़ामोशी बोलती है।
🔸 जो चुप है, ज़रूरी नहीं कि कमज़ोर है।
🔸 सच्चा धैर्य अक्सर मौन में दिखता है।
🔸 मौन – वह भाषा जो सब कुछ कह देती है।
🔸 चुप रहना हार नहीं, आत्मबल की पहचान है।
🔸 जिसे जवाब देना आता है, वही मौन रहना भी जानता है।
🔸 मौन से डरिए मत, वो भी एक निर्णय है।
🔸 कभी-कभी ख़ामोशी सबसे बड़ा जवाब होती है।
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