यह चार आयामी दुनिया क्या है ? कैसे यह एक दूसरे से परस्पर जुड़े हुए हैं ? मै समझाने की कोशिश करूंगा। यह चार आयामी दुनिया है भौतिक जगत, मानसिक जगत भावनात्मक जगत और आध्यात्मिक जगत। लेकिन हम रहते सिर्फ एक जगत में वह है भौतिक जगत। बाकी तीनों जगह हमारे अंदर की दुनिया है। भौतिक दुनिया में हमारी हालात कैसे हैं,यह डिपेंड करता है हमारी आंतरिक दुनिया पर। हम कभी यह समझ ही नहीं पाते कि भौतिक दुनिया हमारी आंतरिक दुनिया की प्रिंटआउट मात्र है। चलिए इसको हम एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैं। मान लीजिए हम अपने कंप्यूटर पर एक चिट्ठी टाइप करी। प्रिंट बटन दबाकर उसका प्रिंट आउट भी निकाल लिया। प्रिंट आउट निकालने के बाद पता चला कि इसमें एक गलती हुई है। चलिए हम देखते हैं कि जीवन में हुई गलतियों के प्रकृति को समझे बिना ही हल करने की कैसी कैसी कोशिशें करते हैं ? कोई भरोसेमंद इरेज़र ले करके प्रिंटआउट में हुई गलती को मिटा देते हैं। प्रिंट बटन दबाकर दोबारा प्रिंट आउट निकाल लेते हैं। इस बार फिर से गलती जस का तस है, कोई सुधार नहीं हुआ। फिर हम सोचते हैं कि इसको तो अभी हमने मिटाया था, फिर मिटा क्यों नहीं? फिर
सरना बिल्ली का मतलब ज्ञान के उस दीपक से है जो समाज में फैले अज्ञानता के अँधेरे को ज्योतिर्मय करता है और ज्ञान के प्रकाश को फैलता है I