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wealth management

वेल्थ मैनेजमेंट को इस तरह से परिभाषित किया जा सकता है, एक ऐसी समग्र दृष्टिकोण है जिसमें व्यक्तिगत या पारिवारिक सम्पत्ति का प्रबंधन और वृद्धि शामिल है। इसका उद्देश्य केवल सम्पत्ति का संरक्षण और संवर्धन ही नहीं है, बल्कि व्यक्तिगत वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति और जीवन की गुणवत्ता को सुधारना भी है। वेल्थ मैनेजमेंट में वित्तीय योजना, निवेश प्रबंधन, कर नियोजन, रिटायरमेंट प्लानिंग, और एस्टेट प्लानिंग जैसी विभिन्न सेवाएं और रणनीतियाँ शामिल होती हैं।  साधारण शब्दों में, वेल्थ मैनेजमेंट का मतलब उन सभी वित्तीय सेवाओं और परामर्शों का समूह है जो किसी व्यक्ति की सम्पत्ति को बढ़ाने, संरक्षित करने और अंततः हस्तांतरित करने में मदद करते हैं। इसमें एक वित्तीय सलाहकार या वेल्थ मैनेजर द्वारा कस्टमाइज्ड सलाह और समाधान दिए जाते हैं ताकि सम्पत्ति धारक के वित्तीय उद्देश्यों और जीवन शैली की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। ## वेल्थ मैनेजमेंट के मुख्य घटक ### 1. वित्तीय योजना (Financial Planning) वित्तीय योजना वेल्थ मैनेजमेंट का मूल आधार है। यह आपकी वित्तीय स्थिति का एक समग्र आकलन है और आपके वित्तीय ल

समाज में निवेश की चेतना विकसित करें

समाज में निवेश को लेकर जानकारी का बेहद अभाव है। निवेश के नाम पर हम परंपरागत तरीके को ही जानते हैं ।  निवेश वह विवेकपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें धन या संसाधनों को किसी ऐसे विकल्प में लगाया जाता है जो भविष्य में वित्तीय सुरक्षा, आय वृद्धि या आर्थिक लाभ प्राप्ति की संभावनाओं को बढ़ाता है । यह एक महत्वपूर्ण उपाय है जो प्रत्येक समझदार लोग अपनी वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अपनाते हैं। निवेश के प्रकार निवेश कई प्रकार के होते हैं, जैसे कि:  शेयर बाजार(Stock Market):  शेयर मार्केट एक वित्तीय बाजार होता है जहाँ विभिन्न कंपनियों के Shares खरीदे और बेचे जाते हैं। यह एक प्लेटफ़ॉर्म प्रदान करता है जहाँ Investors शेयरों को खरीद सकते हैं और जिसका मूल्य निर्धारित होता है।  शेयर मूल्य कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है । शेयर मार्केट एक अहम वित्तीय संसाधन के रूप में गिना जाता है, जो आर्थिक विकास और निवेश को समर्थन करने के लिए एक महत्वपूर्ण साधन होता है। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपको पहले एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा, जो एक ब्रोकर के माध्यम से किया जा सकता है। फिर आप अपन

SOCIAL MEDIA ETHICS

सोशल मीडिया नैतिकता( Social Media Ethics ) उन मानकों और  नैतिक मूल्यों का समुच्चय होता है जो हमें सोशल मीडिया पर हमारे  ऑनलाइन  आचरण और व्यवहार को  मार्गदर्शन करने का काम करता हैं। यह गोपनीयता की रक्षा करने, प्रमाणिकता की पहचान करने और जिम्मेदार आचरण का पालन करने के लिए निर्देशित करता है। यह हमें यह भी बताता है कि हमारे द्वारा साझा की गई जानकारी की सत्यता की  प्रमाणिकता होनी चाहिए । इसका समाज में क्या  प्रभाव प्रभाव पड़ेगा की समझ होनी चाहिए। अफवाहों को फैले से रोकना चाहिए और नकली समाचार की परख होनी चाहिए।  सोशल मीडिया एथिक्स उस आचरण की विधि और नीतियों को संदर्भित करती है जो लोग सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों पर अपना व्यवहार करते हैं। किस तरह की जानकारी हमे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म मे साझा करनी चाहिए। किस प्रकार के संवाद और व्यवहार को स्वीकार्य माना जायेगा। सोशल मीडिया एथिक्स में शामिल किए जाने वाले मुद्दे शामिल हो सकते हैं बायोमेट्रिक डेटा की गोपनीयता, धार्मिक और सामाजिक अपमान, और झूठी खबरों या जानकारी का प्रसार। इसका उद्देश्य सोशल मीडिया पर समाज में उचित और नैतिक व्यवहार को प्रोत

कल को हम आज कैसे नष्ट कर रहें हैं।

कल को नष्ट करने के बजाय, आज को सही से जीने का समय है। आप अपने आज को बेहतर बनाएं और अपने लक्ष्यों की ओर प्रगति करें। इसको हम एक उदाहरण से समझते हैं , एक उदाहरण है कि मान लीजिए आप आज से स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का निर्णय ले सकते हैं। इसके लिए आप सुबह व्यायाम कर सकते हैं, स्वस्थ भोजन खा सकते हैं और अपने मन को शांत और प्रसन्न रखने के लिए ध्यान कर सकते हैं। इससे आपका आज बेहतर और संतुलित होगा, और आने वाले कल को भी प्रभावित करेगा। आप आज के दिन में अपने कार्यक्रमों को संगठित रूप से पूरा कर सकते हैं। अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें, समय प्रबंधन करें और अपने लक्ष्यों की दिशा में प्रगति करें। यह आपको न केवल आज को बेहतर बनाएगा, बल्कि आपके भविष्य को भी सशक्त बनाएगा। आप अपने परिवार और मित्रों के साथ समय बिता सकते हैं। उनके साथ बातचीत करना, उनका साथ लेकर कुछ मजेदार कार्यों में भाग लेना और उनके साथ साझा करना आपको आज को यादगार बना सकता है। इससे आपके संबंध मजबूत होते हैं और आपका मन भी प्रसन्न रहता है। आप आज को किसी नए कौशल का सीखने का मौका भी देख सकते हैं। यह आपके जीवन में नए दरवाजे खोल

प्रकृति तब भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी

प्रकृति तब भी थी, जब हम मे से कोई नहीं थे। प्रकृति अभी भी हैं, जब हम सभी हैं। प्रकृति तब भी रहेगी, जब हम मे से कोई भी  नहीं होंगा। एक प्रकृति ही है जो हमेशा ही रहने वाली है। ब्रह्माण्ड में जब तक पृथ्वी अस्तित्व मे रहेगी, प्रकृति की अस्तित्व जुड़ी हुई रहेगी। प्रकृति सिर्फ़ और सिर्फ देना जानती है, लेना नहीं। बावजूद इसके, प्रकृति को सिर्फ़ हमने लूटा बहुत है।  संतुलन को हम बिगड़ रहे है। प्रकृति  संवर्धन करने के ऊपर हमने कभी ध्यान दिया ही नहीं। हमारे समाज में एक बहुत ही अच्छी कसौटी काम करती है चाहे आप किसी भी परिवेश में हो। वह कसौटी है गिव एंड टेक(Give and take) अगर आपको समाज से कुछ लेना है तो पहले आपको कुछ देना पड़ेगा। अगर आपको सिर्फ लेना आता हो और देना नहीं आता, तो रिश्ते समाप्त होने में ज्यादा टाइम नहीं लगता। गिव एंड टेक की कसौटी हमारे और प्रकृति के बीच भी  same तरीके से काम करती है। प्रकृति से हमने तो सिर्फ ले ही रहें हैं, बदले में कुछ नहीं दिया। बदले का मतलब प्राकृतिक संवर्धन के ऊपर काम नहीं कर रहे हैं जिस लेवल से काम होनी चाहिए।  विकास के नाम पर हम प्राकृतिक संसाधनों का बे

एक संदेश समाज के नाम

पेड़ लगाकर हों किसी भी कार्यक्रम का शुभ आरंभ जो प्रकृतिवादी हैं, जो अपने आपको प्रकृति पूजक कहते हैं , उनका तो प्रकृति संरक्षण में सबसे बड़ा हाथ होना चाहिए । हर पर्व - त्योहार या किसी भी कार्यक्रम का शुरूवात पेड़ लगाकर करना चाहिए। चाहे वह शादी - विवाह हो, त्योहार हो या जन्म दिन हो। इन सब मौकों का शुरूवात वृक्षारोपण के साथ करना चाहिए। क्यों कि वृक्ष ही प्रकृति का गहना होता है। शृंगार को बनाएं रखना हमारे अस्तित्व को बनाएं रखने जैसा है। तभी हम सही मायने में प्रकृति पूजक कहे जाएंगे।  अपने सुपर फूड का संवर्धन करें जिस लजीज प्राकृतिक  खान पान के कारण हमारे पूर्वज तंदुरुस्त और निरोग हुआ करते थे । आज हमें उसका स्वाद पसंद नहीं है। हमारे बच्चों ने तो उसका स्वाद चखा ही नहीं कभी और न हमने कभी बताना ज़रूरी ही समझा। जैसे कि कटाई साग, फुटकल साग, कोईनार साग, बेंग साग, चाकोड साग, और न जाने कितने ही है। फिलहाल यह हमारे मेनू से गायब है। यह आदिवासी सुपर फूड हमारे प्रति रक्षा प्रणाली को बूस्ट करने का काम करती है। यह सुपर फूड विटामिन और मिनरल्स का भंडार है। अब यह हमारी जिम्मेवारी है कि इन सुपर फूड का संवर्धन

ईश्वर के लिए सब एक हैं

चलिए आज हम प्रकृति के ऐसे यूनिवर्सल प्राकृतिक शक्ति के बारे में बात करेंगे जो ब्रह्मांड के संपूर्ण वस्तु या जीव पर विद्यमान है। यह एक ऐसी शक्ति है जिसके बूते सारा ब्रह्मांड चलता है। यही बल सारा ब्राह्मणडीय पिंडों को व्यवस्थित रखता है। हमारा मनुष्य जीवन भी इससे अछूता कतई नहीं है।  वह बल है गुरुत्वाकर्षण बल। किन्ही दो वस्तुओं के बीच लगने वाले बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं । यदि उनमे से एक पृथ्वी हो तो, ऐसी स्थिति में यह बल  गुरुत्व बल कहलाता है।  यहाँ पर इस शक्ति की व्याख्या हम गणितीय रूप मे नहीं करेंगे। मैं आपको यहां पर यह बताने की कोशिश कर रहा हूं कि किस तरह से प्राकृतिक शक्तियां किसी पर कोई भेद नहीं करती। चाहे वह जीव हो या निर्जीव, छोटा हो या बड़ा,अमीर हो या गरीब, विद्वान हो या मूर्ख।  चलिए इसको समझने के लिए एक प्रयोग करते हैं। इस प्रयोग को करने के लिए हम कुछ चीजों की जरूरत पड़ेगी।  1. दो किलो का एक पत्थर का टुकड़ा।  2. एक किलो का एक लकड़ी का टुकड़ा।  3. एक किलो रुई।  4. एक किलो मिट्टी ।  5. एक पानी का बोतल भरा हुआ बिना वजन के।  इन अलग अलग सामानों को पकड़ने के लिए पांच अलग अलग लोग च